The smart Trick of sidh kunjika That Nobody is Discussing
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नमस्ते रुद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि ।
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः
न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा ॥ १५ ॥
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः
मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम्।
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देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा॥
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि